Lawrence Bishnoi Case: हाई कोर्ट ने पुलिस को फटकारा, दो हफ्ते में रिपोर्ट मांगी
Lawrence Bishnoi Case: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू मामले में पंजाब पुलिस से दो हफ्तों के भीतर यह रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है कि उस समय ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। इस मामले में, हाई कोर्ट ने विशेष रूप से मोरथाली एसपी और अन्य पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारियों पर सवाल उठाया है। इसके अलावा, जेलों में जैमर्स लगाने के लिए फंड्स की कमी को लेकर हाई कोर्ट ने गृह सचिव को भी तलब किया है।
लॉरेंस बिश्नोई इंटरव्यू मामला
लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू के दौरान पंजाब पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठते ही पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों से जवाब तलब किया। कोर्ट ने पूछा कि उस समय ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों और एसपी मोरथाली के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। इस मुद्दे पर पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल ने आश्वस्त किया कि जल्द ही उन सभी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जिनकी ड्यूटी लॉरेंस बिश्नोई की सुरक्षा में थी या जो इस क्षेत्र के जिम्मेदार पुलिस अधिकारी थे।
गृह सचिव को तलब किया
इसके साथ ही, हाई कोर्ट ने जेलों में जैमर्स लगाने के लिए फंड्स की कमी के संबंध में गृह सचिव को भी तलब किया। गृह सचिव ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि जैमर्स की स्थापना के लिए आवश्यक सभी फंड्स प्रदान किए जाएंगे। इसके अलावा, केंद्र की ओर से भी जेल सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक सहायता की बात की गई। केंद्र की ओर से वकील ने कहा कि जेल सुरक्षा और जैमर्स की स्थापना के लिए जो भी मदद चाहिए, वह प्रदान की जाएगी।
डीजीपी के बयान पर स्पष्टीकरण
हाई कोर्ट ने डीजीपी से यह भी स्पष्ट करने को कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में इंटरव्यू के पंजाब में न होने संबंधी बयान किसी अधिकारी के निर्देश पर दिया गया था या नहीं। इस पर एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि जल्द ही उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जिन्होंने इस पूरी घटना में भूमिका निभाई है। इस बयान ने जेल सुरक्षा और पुलिस के कामकाज पर सवाल उठाए हैं, जिससे उच्च न्यायालय ने अधिकारियों की भूमिका की जांच की मांग की है।
जेलों में सुरक्षा इंतजाम
जेलों में सुरक्षा इंतजाम को लेकर हाई कोर्ट ने ADGP से भी जानकारी मांगी है। ADGP ने बताया कि दिसंबर तक पूरे पंजाब की जेलों में सुरक्षा व्यवस्थाओं को मजबूत किया जाएगा। इसके तहत, जेलों में जैमर्स की स्थापना और अन्य सुरक्षा सुविधाओं को लागू किया जाएगा, ताकि सुरक्षा में कोई कमी न रहे। ADGP ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि जेलों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
निष्कर्ष
लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू केस में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की कार्रवाइयां यह दर्शाती हैं कि न्यायपालिका किस प्रकार पुलिस की कार्यशैली और सुरक्षा इंतजामों की निगरानी कर रही है। हाई कोर्ट की ओर से उठाए गए सवाल और निर्देश यह सुनिश्चित करते हैं कि किसी भी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार को सहन नहीं किया जाएगा। जेलों में सुरक्षा व्यवस्थाओं को सुधारने और आवश्यक फंड्स की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन और केंद्र सरकार को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि कानून व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।